भुगतान संतुलन - प्रश्नोत्तर 1



CBSE कक्षा 12 भुगतान संतुलन
अर्थशास्त्र महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
 
1 अंक वाले प्रश्न
परीक्षापयोगी प्रश्न
प्र. 1. विदेशी विनिमय किसे कहते हैं?
उत्तर- घरेलू मुद्रा के अतिरिक्त कोई भी विदेशी मुद्रा विदेशी विनिमय कहलाती है।
प्र. 2. विदेशी विनिमय दर को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- विदेशी विनिमय दर वह दर है जिस पर एक देश की मुद्रा, दूसरे देश की मुद्रा में परिवर्तित हो जाती है।
उदाहरण- 1=62िIUS को लेने के लिए हमें रु. 62 देने पड़ेगें।
प्र. 3. विदेशी विनिमय की माँग के तीन स्रोत लिखिए।
उत्तर- विदेशी विनिमय की माँग के तीन स्रोत निम्न हैं-
  1. आयात हेतु
  2. अन्तर्राष्ट्रीय ऋणों का भुगतान
  3. विदेशों में निवेश
प्र. 4. विदेशी विनिमय की पूर्ति के तीन स्रोत बताइए।
उत्तर- विदेशी विनिमय की पूर्ति के तीन स्रोत निम्न है-
  1. निर्यात
  2. शेष विश्व से निवेश
  3. शेष विश्व से ऋण
प्र. 5. भुगतान शेष किसे कहते हैं?
उत्तर- एक देश का भुगतान शेष उस देश के निवासियों तथा शेष विश्व के निवासियों के बीच किए गए सभी अर्थिक सौदो का क्रमबद्ध लेखा है जो एक समय अवधि में (एक वर्ष) में किया जाता है।
प्र. 6. व्यापार शेष में घाटे का क्या अर्थ है?
उत्तर- व्यापार शेष में घाटे का यह अर्थ है कि वस्तुओं का आयात वस्तुओं के निर्यात से अधिक है।
प्र. 7. स्थिर विनिमय दर क्या है?
उत्तर- जब विनिमय दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है।
प्र. 8. भुगतान शेष में घाटे का क्या अर्थ है? समझाइए।
उत्तर- जब स्वायत्त विदेशी विनिमय का भुगतान स्वायत्त विदेशी विनिमय की प्राप्तियों से अधिक होता है तो इनके अंतर को ही भुगतान शेष घाटा कहते है।
प्र. 9. नम्य विनिमय दर को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- नम्य विनिमय दर वह दर है जो विदेशी मुद्रा बाजार में माँग तथा पूर्ति शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है।
प्र. 10. प्रबंधित तरणशीलता किसे कहते है?
उत्तर- यह वह प्रणाली है जिसमें विनिमय दर अंतराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में पूर्ति तथा माँग की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है परंतु सरकार अथवा केन्द्रीय बैंक विनिमय दर को प्रबंधित करने के लिए इसमें हस्तक्षेप करती है जब आवश्यकता पड़ती है।
    merq